निगम चुनाव:54 पार्षद के लिए कांग्रेस से 146 व भाजपा से 133 नामांकन जमा, 172 बगावत की राह पर

  • दोनों दल असंतुष्टों को मनाने में लगे, नाम वापसी पर चुनावी तस्वीर होगी साफ
  • मेहनत कहां तक सफल होती है यह 22 जून नाम वापसी के दिन पता चल जाएगा

नगर निगम के पार्षद के 54 पदों के लिए कुल 352 नामांकन पत्र जमा हुए हैं। इनमें से 146 कांग्रेस की तरफ से और 133 भाजपा की ओर से दाखिल हुए हैं। यानी दोनों दलों के 172 कार्यकर्ता बगावत की राह पर हैं। ऐसे में पार्टियों को चिंता हैं कि ये चुनावी गणित बिगाड़ ना दें। लिहाजा दोनों ही पार्टियां इन असंतुष्टों को मनाने व समझाने में लगी हुई हैं। इनकी यह मेहनत कहां तक सफल होती है यह 22 जून नाम वापसी के दिन पता चल जाएगा। इस दिन इस चुनावी मैदान में उतरने वाले चेहरों की तस्वीरें साफ होगी। फिलहाल तो दोनों ही दलों की अपनों से चिंता बढ़ी हुई है।

नामांकन के दौरान भाजपा के अधिकृत 54 प्रत्याशियों के अलावा 79 अन्य लोगों ने पार्टी से फार्म जमा किए है। ऐसे ही कांग्रेस के अधिकृत 53 प्रत्याशियों के अलावा 93 अन्य लोगों ने भी पार्टी के नाम से फार्म भरे हैं। इस तरह दोनों ही दलों की तरफ से फार्म जमा करने वाले यह (172) कार्यकर्ता चिंता का विषय बने हुए हैं। ये वे कार्यकर्ता है जो कि टिकट वितरण से नाखुश है या असंतुष्ट। लिहाजा इन्होंने भी फार्म जमा कर चुनाव में उतरने की इच्छा जताई है। इनके द्वारा बढ़ाया गया यह बगावती कदम पार्टियों में परेशानी खड़ी कर रहा है।

ऐसे समझे- इसलिए यह चिंता का विषय

1 भाजपा हो या कांग्रेस उसका अधिकृत प्रत्याशी वहीं माना जाएगा जिसके नाम से फार्म 9 व 8 जमा होगा। इसे बी फार्म भी कहते हैं।
2 ऐसे में इनके अलावा पार्टी के नाम से जिन्होंने भी फार्म जमा किए होंगे वे निर्दलीय हो जाएंगे। उनके सामने दो विकल्प रहेंगे। या तो वे फार्म वापस लें या रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए जा रहे चुनाव चिह्न के आधार पर निर्दलीय रूप में चुनाव लड़े।
3 पार्टियों को चिंता इसी बात की हैं कि यदि बागियों ने फार्म-नाम वापस नहीं लिए और निर्दलीय रूप में चुनाव में खड़े रहे तो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

फार्म 8-9 जमा पर ही होंगे अधिकृत

जिस प्रत्याशी का पार्टी फार्म नंबर 9-8 जमा कराएगी वह उनका अधिकृत प्रत्याशी हो जाएगा। उसी दल से नामांकन दाखिल करने वाले अन्य प्रत्याशी निर्दलीय हो जाएंगे। उनके सामने दो विकल्प रहेंगे या तो नाम वापस ले या निर्दलीय चुनाव लड़े।
-वीरेंद्र सिंह दांगी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी

फार्म नंबर 9-8 नहीं ला पाने वाले प्रत्याशी का नामांकन निरस्त नहीं होगा बल्कि आरओ निर्दलीय कर देंगे।

-एकता जायसवाल, तराना एसडीएम

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